तुम सिर्फ…. झुकनेकी कला सिखो…. पेड्…..पत्थर्…..पहाड….. या जमीन… या आंसमान… फिर्… धीरे… धीरे… धीरे… जहांभी तुम्हारा सिर होगा…. तुम अपनेही पैर पाओगे…. तुम हर जगह, खुदकोहि पाओगे…. खुदीकोहि पाओगे….!!! जय...
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