Self Calling: Self Reminder Meditations
Are You Ready To Be Gulped?
Self Calling is an assortment of Self-Reminder meditations in which Nitin Ram’s spontaneous insights relentlessly destroy all concepts of ‘Self’, pointing you towards the wordless ‘Nothingness’, a state beyond any need.
Carrying on the legacy of his Gurus, Sri Osho and Sri NisargadattaMaharaj, Nitin’s inspired words of Wisdom and Love, first engulf and then gulp what you think is ‘You’.
You may discover that these intention-less pointers not only bestow deep reflection but also have a way of circumventing the mind and striking deep into the heart… dropping ‘you’ into the ever-existing Natural state.
A heartfelt invitation to sit back and enjoy this book… as Totality unfolds infinite possibilities.
कृष्ण ने कहा...
“आप किस से प्रेम करोगे यह आपके हाथ में नहीं, कोई आपको प्रेम करेगा यह उसके हाथ में नहीं और यही वजह है जो किसी के हाथ में नहीं होता, वो ‘प्रेम’ सबसे सुंदर होता है।”
हजारों सालों से भारतीय संस्कृति के सबसे प्रेमपूर्ण व्यक्तित्व कृष्ण अपनी लीलाओं और वक्तव्यों से मानव को राह दिखाते आए हैं लेकिन कृष्ण के मुख से जब आज के संदर्भ में नितीन राम सरीखे आधुनिक ऋषि के शब्द उच्चरित होते हैं तो उसका मोल दोगुना हो उठता है, लगता है कृष्ण ने फिर-फिर धरती पर आने का वचन निभा दिया। इन वचनों में भावों और विचारों के भले ही रूप नए हों, वाणी तो कृष्ण की ही है। आधुनिक जीवन की सारी सुख सुविधाओं के बीच आखिर क्यों हम रिक्तता का अनुभव करते हैं, इन वचनों में यही तो भेद छुपा है। ये अमृत वचन हमारे अंतरतम के अंधेरे को भगा उसे प्रदीप्त करने की क्षमता रखते हैं। समर्पण की कीमिया में ही मुक्ति का मार्ग है। आखिर ‘जो भी हमें पिघला दे वह परमात्मा’ इस कथन से कौन इंकार कर सकता है!
‘कृष्ण ने कहा’ एक ऐसे ही जीवित और जाग्रत गुरुभक्त के अमृतवचन हैं जो जीवन की रिक्तता और अंतर्द्वंद्वों को प्रेम, श्रद्धा और समर्पण के दिव्य भावों से भर एक सहज, सरल, निर्द्वंद और आनंदपूर्ण जीवन जीने का सुअवसर प्रदान करता है।